ताप्ती नदी के पुराने पुल को स्टॉप डेम में परिवर्तित कर रोकेंगे पानी, भूमिगत जलस्तर वृद्धि के साथ ही नदी के किनारों का शहर में हो सकेगा सौंदर्यीकरण*
बुरहानपुर। गुरूवार प्रातः बुरहानपुर में ताप्ती नदी पर बने पुराने पुल का जनप्रतिनिधियों, जल संसाधन व नगर निगम के अधिकारियों एवं तकनीकी अमले के साथ अवलोकन किया।
इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज लधवे, पूर्व महापौर अतुल पटेल, निवृत्तमान नगर निगमाध्यक्ष मनोज तारवाला, गजेंद्र पाटिल, जगदीश कपूर, मुकेश शाह, प्रभाकर चौधरी, चिंतामन महाजन, संभाजीराव सगरे, रुर्देश्वर एंडोले, मनोज टण्डन एवं शिवकुमार पासी आदि जनप्रतिनिधि व अधिकारीगण उपस्थित होकर अपने-अपने उपयोगी सुझाव दिए तथा इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय जनता पार्टी का समस्त नेतृत्व उत्साही व आग्रही है।
पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि ताप्ती नदी पर बड़े पुल का निर्माण हुआ तभी से मन में था कि इस पुराने पुल का उपयोग कर जल संचय हेतु किया जाना चाहिए। जो भी कठिनाईयां थी उसकी युक्ति निकाल इस कार्य के क्रियान्वयन का प्रयास किया है। इस पुल की 10 आर्च को उपयोगी बनाने हेतु सुझाव रखा। इस पर सांसद श्री ज्ञानेश्वर पाटिल जी ने भी दूरभाष पर नगर निमगायुक्त एवं जल संसाधन विभाग को जल संरचना का निर्माण कार्य हेतु कार्यवाही तत्काल शुरू करने हेतु निर्देशित किया। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि इस पुराने पुल का उपयोग करते हुए जल संरचना (स्टॉप डेम) का निर्माण किया जाना चाहिए। जिससे बुरहानपुर के आखरी छोर तक पानी रुकेगा और भूमिगत जल की रिचार्जिंग हो सकंेगी। यह स्टॉप डेम बहुत ही उपयोगी साबित होगा। भविष्य में ताप्ती किनारों का सौंदर्यीकरण व नौका विहार इत्यादि हेतु भी संभावनाएं खुलेगी।
ज्ञात हो कि पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कलेक्टर प्रविणसिंह से उक्त संबंध में विस्तारपूर्वक चर्चा की।
कई उद्देश्यों की पूर्ति करेंगी ताप्ती नदी पर बनने वाली जल संरचना
ताप्ती नदी पर बनने वाली यह जल संरचना कई उद्देश्यों को पूरा करंेगी। इससे नगर में जल संकट दूर होगा, भूमिगत जल स्तर बढ़ेगा। आसपास पौधरोपण से पर्यावरण संरक्षण भी होगा। साथ ही जल संचय होने पर भूमितगत जलस्तर बढ़ेगा और नगर के अनेक ट्यूबवेल, कुओं, बावडि़यों, कूप इत्यादि जल स्तर में वृद्धि करने में वरदान साबित होगी। वहीं इस पुराने पुल पर पानी रूकने से इसका सुंदर दृश्य भी देखने को मिलेगा। शहर में ताप्ती नदी स्थित किनारों पर घाटों का सौंदर्यीकरण बढ़कर आकर्षक का केंद्र बन सकेंगा। यहां आने वाले पर्यटकों की दृष्टि से भी नए आयाम स्थापित होंगे।
दिनांक:- 19 मई 2022
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