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कमल नाथजी का बयान निंदनीय है, मध्यप्रदेश की जनता से माफ़ी मांगे- देश प्रवक्ता श्रीमती अर्चना चिटनिस ने पत्रकार वार्ता में कहा- श्री वीडी शर्मा जी का विधानसभा अध्यक्ष जी को लिखा पत्र अत्यंत गंभीर

बुरहानपुर। भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष श्री विष्णु दत्त जी शर्मा द्वारा विधानसभा अध्यक्ष श्री गिरीश गौतम जी को लिखा पत्र अत्यंत गंभीर विषय है। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कमल नाथजी ने विधानसभा की कार्यवाही को ‘‘बकवास‘‘ कहकर सिर्फ विधानसभा का ही अपमान नहीं किया है, बल्कि उन्होंने पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथजी का यह बयान बेहद निंदनीय है एवं इस बयान पर उन्हें मध्यप्रदेश के साथ संपूर्ण देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि प्रदेशाध्यक्ष जी द्वारा लिखे गए पत्र पर विधानासभा अध्यक्ष जी ने तुरंत संज्ञान लिया है और कार्यवाही किए जाने की बात भी कही है, जिसके लिए मैं विधानसभा अध्यक्ष जी का लोकतंत्र के प्रति श्रद्धा रखने वाली जनता की ओर से कोटि-कोटि आभार व्यक्त करती हूं। प्रेसवार्ता को भाजपा जिलाध्यक्ष श्री मनोज लधवे ने भी संबोधित कर अपने विचार रखें।
बुरहानपुर में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए श्रीमती चिटनिस ने कहा कि श्री कमलनाथ जी छिंदवाड़ा क्षेत्र से मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य भी है, उन्होंने दिनांक 25 अप्रैल 2022 को एक समाचार के माध्यम को दिए गए एक साक्षात्कार में विधासभा की कार्यवाही को लेकर अत्यंत आपत्ती जनक, अशोभनिय और सदन की मर्यादा के विरूद्ध कदाचरण की श्रेणी में आने वाली टिप्पणी की है-उन्होंने कहा कि मैं विधानसभा के अंदर इसलिए नहीं जाता है, क्योंकि विधानसभा में बकवास होता है और एक दल के लोग बकवास करते हैं, तो क्या मैं वहां ‘‘बकवास‘‘ सुनने जाऊंगा। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि विधानसभा, लोकसभा में जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधि जनता का प्रतिनिधित्व करने के लिए जाते हैं और जनता से जुड़े हुए मुद्दों को उठाते हैं। विधानसभा और लोकसभा से ही जनता से जुड़ी हुई योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जाता है। यहीं से ही योजनाओं पर नीति निर्धारित की जाती हैं। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि विधानसभा की अपनी एक व्यवस्था होती है। नियम-कानून होते हैं। मर्यादा होती है और विधानसभा की कार्यवाही नियम-कानून, मर्यादा के तहत ही होती है। ऐसे में विधानसभा की कार्यवाही को बकवास कहकर कमलनाथ जी ने संपूर्ण विधानसभा की व्यवस्था को ही तार-तार कर दिया है। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि कमलनाथ जी सीनियर नेता हैं, जिनको राजनीति का लंबा अनुभव है। उनके द्वारा इस तरह की बयानबाजी दूसरे नेताओं को भी अमर्यादित आचरण की प्रेरणा देगी, जो उचित नहीं है। सदन के अंदर प्रत्येक सदस्य को संविधान एवं विधानसभा की प्रक्रिया और आचरण का पालन करना अनिवार्य होता है। ऐसा नहीं करने पर किसी भी सदस्य को सदन का सदस्य होने का अधिकार नहीं है। 
पूर्व मंत्री व प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि मैं ऐसा मानती हूं कि विधानसभा या लोकसभा में यदि एक शब्द भी असंसदीय होता है, संसद की मर्यादा के खिलाफ होता है तो माननीय लोकसभा अध्यक्ष, माननीय विधानसभा अध्यक्ष उस शब्द को कार्यवाही से विलोपित कर देते हैं। सदन में उस सदस्य के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान भी होता है, लेकिन संपूर्ण संसदीय प्रक्रिया को ‘‘बकवास‘‘ कहना संसदीय लोकतांत्रिक परंपरा और मर्यादा का उल्लंघन है। विधानसभा में अनुच्छेद 194 संसदीय प्रक्रिया के तहत कदाचरण के नियम हैं। आचरण के नियम 264, 265 के तहत कार्यवाही हेतु भाजपा प्रदेशाध्यक्ष श्री विष्णु दत्तजी शर्मा जी ने विधानसभा अध्यक्ष जी को पत्र लिखा है। इस मामले में पीसीसी चीफ एवं नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ जी के खिलाफ अनुच्छेद 190 व 191 के तहत भी कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो।

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