केला फसल के गिरते हुए भाव किसानों के लिए बना चिंता का विषय।
डोईफोड़िया (नीलेश राठोड़)- डोईफोड़िया के लोग केला फसल को लेकर हुए चिंतित किसानों को मिलने वाले केला भाव को लेकर आये दिन किसानों की चिंता बढ़ती ही जा रही है। बुरहानपुर जिले की चर्चित फसल जिसका मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा उत्पाद बुरहानपुर में ही होता है इसी केला फसल के दिन प्रतिदिन गिरते केले के भाव से किसानों की समस्या बढ़ती ही जा रही है।किसान विजय राठौड़ ओर नीलेश राठौड़ ने बताया कि केला फसल को जब से जमीन में लगाया जाता है तब से उसके तैयार होकर कटने तक किसान को काफी खर्चा करना पड़ता है।केले का एक पौधा 14 रु का होता है उसे लगने से लेकर जैविक खाद,रासायनिक खाद जैसे अनेक खाद और दवाइयों का उपयोग किया जाता है। जिसमे किसान को एक एकड़ पर 40 हजार से लेकर 50 हजार तक खर्चा लगता है ।परंतु जब केला फसल काटने के लिए तैयार होती है तो केलाभाव का कम होना किसानों की चिंता को बढ़ाता है।इस वर्ष कोरोना काल के शुरवात से लेकर अब तक केला भाव सम्भल नही पाए है।जहाँ किसानों का केला 1400 से 1500 बिकना चाहिए वही केला आज 400 से 500 में बिक रहा है। देश के अन्नदाता की इस प्रकार की स्थिति समस्या का कारण बन गईं है।केला समस्या को लेकर किसान धर्मेंद्र दलाल,सामया दलपत,ललित राठौड,संदीप राठौड़,,किशोर राठौड़,सुनील चौहान,सुदामा पंवार,नंदू पंवार आदि ने चिंता व्यक्त की है।
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