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मोदी से खौंफ खाए लोग कर रहे आंदोलन, कृषि सुधार कानून से किसान होंगे समृ़द्ध-पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस

- भाजपा की पत्रकारवार्ता में पूर्व केबिनेट मंत्री ने विपक्ष पर लगाया भ्रम फैलाने का आरोप
*खरगोन।* केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि सुधार कानूनों से किसान अपनी कृषि उपज कहीं भी बेचने के लिए स्वतंत्र हैं। कांट्रेक्ट फार्मिंग को एक्ट के माध्यम से किसानों के लिए सुरक्षित बनाया है। इससे किसानों को अपनी उपज का लाभकारी मूल्य प्राप्त करने में सुविधा प्राप्त होगी। इससे देश के किसान पहले की तुलना में अधिक समृद्ध होंगे। मोदी व भाजपा से खौंफ खाए लोग किसान आंदोलन कर रहे हैं। उनके द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम जनजागरण, जनसंपर्क व किसान सम्मेलन के माध्यम से दूर करेंगे। 

यह बात वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री अर्चना चिटनिस (दीदी) ने कृषि सुधार कानूनों को लेकर आयोजित पत्रकारवार्ता में कही। श्रीमती चिटनिस ने कहा विपक्ष द्वारा यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि नए कानूनों से किसानों को कृषि उपज पर एमएसपी का लाभ नहीं मिलेगा। देश की सारी कृषि उपज मंडियां बंद हो जाएगी, किसानों की जमीन पर उद्योगपति व व्यापारी कब्जा कर लेंगे। जबकि सच्चाई यह कि एमएसपी पहले की ही तरह जारी रहेगी। खुला व्यापार होने के बावजूद देश की एक भी कृषि उपज मंडी बंद नहीं होगी। नए कानून से किसानों की जमीनें पूरी तरह सुरक्षित रहेगी। श्रीमती चिटनीस ने कहा विपक्ष ने पहले भी सीएए, 


धारा 370, श्रीराम मंदिर सहित अनेक मुद््दों पर जनता को भ्रमित करने का प्रयास किया लेकिन उनका प्रयास असफल रहा। सीएए को लेकर मुसलमानों को कहा गया कि आपकी नागरिकता चली जाएगी। जबकि इससे एक भी मुसलमान की नागरिकता नहीं गई। धारा 370 पर पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाने वाला विपक्ष आज किसान आंदोलन की आड़ में अपना राजनीतिक एजेंडा फिक्स करना चाहता है। दिल्ली में किसानों की आड़ में खालिस्तान के समर्थकों, सीएए व धारा 370 के विरोधियों, चीन व पाकिस्तान के एजेंटों तथा भाजपा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खौंफ खाए लोगों ने मोर्चा संभाल रखा है। सरकार की ओर से जब भी उन्हें चर्चा का प्रस्ताव दिया जाता है तो वे चर्चा करने से बचते हैं। 



किसान आंदोलन को विदेशी ताकतों का समर्थन मिल रहा है। वे देश के किसानों की उन्नति व विकास से विचलित है। श्रीमती चिटनीस ने कहा मोदीजी ने पहली बार प्रधानमंत्री बनते ही 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प लिया था। इसके लिए एमएसपी में लगातार बढ़ोतरी की गई है। केंद्र व राज्य सरकार द्वारा प्रति किसान 10 हजार रुपए वार्षिक सम्मान राशि दी जा रही है। देश में सरप्लस उत्पादन हो रहा है। किसानों को मंडी के बंधनों से मुक्त कर वैश्विक बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है। कृषि सुधार कानूनों के माध्यम से देश दूसरी हरित क्रांति की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में भाजपा के कार्यकर्ता व पदाधिकारी कांग्रेस सहित विपक्षियों द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करेंगे। 16 दिसंबर को दशहरा मैदान इंदौर पर संभाग के किसान सम्मेलन में बड़ी संख्या में किसान भाग लेंगे। केंद्रीय नेताओं द्वारा संबोधित किया जाएगा।



 पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए जिला प्रभारी राधेश्याम यादव ने कहा जिन कानूनों से किसानों का हित होने वाला है उनका विपक्ष विरोध कर रहा है। देशभर में पत्रकारवार्ताओं व 700 किसान सम्मेलन के माध्यम से विपक्ष द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करेंगे। श्री यादव ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने किसानों को भ्रमित करने का भरपूर प्रयास किया लेकिन उनके आंदोलन की हवा उस समय निकल गई जब भारत बंद का आह्वान पूरी तरह असफल हो गया। पत्रकारवार्ता में भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंद्रसिंह राठौर, पूर्व जिलाध्यक्ष व व्यापारी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक कल्याण अग्रवाल, पूर्व जिलाध्यक्ष रणजीतसिंह डंडीर, किसान मोर्चा राष्ट्रीय सचिव जितेंद्र पाटीदार, मोर्चा जिलाध्यक्ष नरसिंह यादव आदि उपस्थित थे। संचालन जिला मीडिया प्रभारी प्रकाश भावसार ने किया।  

*किसानों को इसलिए नहीं मिला फसल बीमा*
पूर्व केबिनेट मंत्री अर्चना चिटनीस ने प्रदेश में कांग्रेस की पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार को किसान विरोधी ठहराते हुए कहा कि समय पर प्रीमियम न भर पाने के कारण मप्र के किसान 23 हजार करोड़ रुपए का फसल बीमा पाने से वंचित रहे। कमलनाथ सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए प्रदेश के किसानों की सूची भी नहीं दी। किसानों से जुड़ी अनेक कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर दिया तथा किसान समर्थन मूल्य पर बेची गई कृषि उपज के बोनस से वंचित हो गए। ऐसे अनेक उदाहरण है जिससे 15 माह की कमलनाथ सरकार का किसान विरोधी चेहरा सामने आया।

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