धनतेरस की पूजा , पूजा के मंत्र और खरीददारी का शुभ मुहूर्त, जानिए
धनतेरस की तिथि और पूजन विधि, बता रहे हैं ध्यानगुरू डॉ नारायण ज्योतिषाचार्य सिरसा
दीपावली की शुरुआत धनतेरस के साथ होती है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जा रहा है। धनतेरस को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। दीपावली का त्योहार 5 दिनों का है। इस बार छोटी दिवाली और मुख्य दिवाली का मुहूर्त एक ही दिन का है। 13 नवंबर 2020 शुक्रवार को धनतेरस के साथ इस पर्व की शुरुआत हो जाएगी।
*धनतेरस का पूजन 13 तारीख को।*
*आज शुक्रवार, धन तेरस, यम दीप दान , प्रदोष व्रत , काली चौदस , हनुमान पूजा , प्रीति योग , तिथि कृष्णा त्रयोदशी, चित्रा नक्षत्र।*
श्री गणेश, देवी लक्ष्मी, भगवान धनवंतरि और कुबेर जी की पूजा की जाती है धनतेरस के दिन। पूजा विधि, खरीदारी , शुभ समय , शुभ मुहूर्त , ये सब बातें बता रहे हैं
डॉ नारायण ज्योतिषाचार्य सिरसा +91 70274 33333
*धनतेरस की पूजा , पूजा के मंत्र और खरीददारी का शुभ मुहूर्त, जानिए दीपक कब जलाएं*
13 नवंबर, 2020 को धनतेरस पर खरीदारी के लिए पहला मुहूर्त सुबह 7 से 10 बजे तक है। जबकि दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर 1 से 2 30 बजे तक रहेगा।
*सुबह 10:50 से 12:15 के बीच के समय राहुकाल का है तो इस समय कुछ भी खरीदारी ना करें*
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 5:35 बजे से शाम 08 15 बजे तक।
इस दिन सोना, चांदी और पीतल की वस्तुएं या फिर घर में जिस सामान की जरूरत हो, कुछ भी खरीदारी करना बहुत शुभ है। धनतेरस पर झाड़ू भी खरीदनी चाहिए।
हथियार, औजार, मांस, मदिरा , बारूद, तामसी भोजन और काले वस्त्र, धनतेरस पर न खरीदें ये चीजें।
धनतेरस की पूजा करने की विधि
इस दिन प्रभु श्री गणेश, माता लक्ष्मी, भगवान धनवंतरि और कुबेर जी की पूजा की जाती है। शाम के समय प्रदोष काल में पूजा करना शुभ माना जाता है।
पूजा करने से पहले स्नान करें। इसके बाद एक साफ चौकी पर गंगाजल छिड़क कर उस पर पीला या लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। इस कपड़े पर प्रभु श्री गणेश, माता लक्ष्मी, मिट्टी का हाथी, भगवान धनवंतरि और भगवान कुबेर जी की मूर्तियां स्थापित करें। सर्वप्रथम गणेश जी का पूजन करें, उन्हें पुष्प और दूर्वा अर्पित करें। इसके बाद हाथ में अक्षत लेकर भगवान धनवंतरि का मनन करें।
अब भगवान धनवंतरि को पंचामृत से स्नान कराकर, रोली चंदन से तिलक कर उन्हें पीले रंग के फूल अर्पित करें। फूल अर्पित करने के बाद फल और नैवेद्य अर्पित कर उन पर इत्र छिड़ककर भगवान धनवंतरि के मंत्रों का जाप कर उनके आगे तेल का दीपक जलाएं। बता रहे हैं ध्यानगुरु डॉ नारायण ज्योतिषाचार्य सिरसा
मंत्र -- ''ऊं नमो भगवते महा सुदर्शनाया वासुदेवाय धन्वन्तरये अमृत कलश हस्ताय सर्व भय विनाशाय सर्व रोग निवारणाय त्रैलोक्य पतये त्रैलोक्य निधये श्री महा विष्णु स्वरुप श्री धन्वंतरि स्वरुप श्री श्री श्री औषध चक्र नारायणाय स्वाहा।''
या फिर ।। ॐ धन्वन्तरये नमः ।।
इसके बाद आरती करें। अब भगवान धनवंतरि को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाकर माता लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा भी करें। पूजा समाप्त करने के बाद घर के मुख्य द्वार के दोनों और तेल का दीपक जरूर जलाएं।
धनतेरस पर इन जगहों पर रखें दीपक
धनतेरस के खास अवसर पर घर के अलावा पीपल के पेड़ के नीचे भी दीपक जलाना चाहिए।
घर के मुख्य द्वार पर- धनतेरस के दिन अपने घर के मुख्य दरवाजे के दोनों तरफ दीपक जलाना बहुत शुभ रहेगा। ऐसा करने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है और धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
घर के बाथरूम में भी एक दीपक जरूर रखें।
पीपल के पेड़ के नीचे भी दीपक जलाना भी शुभ है। इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा आप पर बनेगी। पीपल में समस्त देवी-देवताओं का वास माना गया है।
धनतेरस के अवसर पर शमशान में दीपक रखना भी बहुत शुभ माना गया है।
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