ऐशो आराम की जिंदगी छोड़ कर रहे समाज सेवा,अब लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव
दीपक मेटकर 9826538351
रशिया, और इंग्लैंड की लक्झरी लाइफ स्टाइल छोड़ कर समाज सेवा का जज़्बा लिए अपने पैतृक गांव पिपरी में आकर खेती करना और विभिन्न संगठनों के माध्यम से समाज जनों ओर गरीब तबके के लोगो को उनका हक दिलाने का जुनून इस कदर चढ़ा की वो यहीं के होकर रह गये।जी हां हम बात कर रहे है संजय मावस्कर की जिनका जन्म तो दिल्ली में हुवा पर दिली लगाव रहा अपने पैतृक गांव पिपरी जिला बुरहानपुर से।दिल्ली यूनिवर्सिटी से बी,काम की डिग्री हासिल करने के बाद इन्होंने क्रिकेट में अपना भविष्य बनाने की सोची अपनी कड़ी मेहनत से दिल्ली की ओर से खेलते हुए रणजी मैच भी खेले।इसके बाद इन्होंने इंग्लैंड जाकर 2 साल तक काउंटी क्रिकेट भी खेला।परन्तु बात नही बनते देख वापस इंडिया आ गए ।चूंकि पिताजी विदेश मंत्रालय में कार्यरत थे।इसके बाद रशिया में 10 साल रह कर इंडियन रेस्टोरेंट के नाम से रेस्टोरेंट खोला ,परन्तु विदेशों में रह कर भी अपने गांव और क्षेत्र की याद सताने के चलते रशिया से भी वापस आगये।इतना ही नही सेंट्रल बैंक दिल्ली में खेल कोटे से केशियर की नौकरी भी पाई ,लेकिन 2 साल नौकरी करने के बाद छोड़ दी ।क्योंकि दिल मे तो जुनून समाज सेवा का था।आप को बता दें कि संजय मावस्कर पूर्व विधायक स्वर्गिय राजेन्द्र दादु के मौसेरे भाई है।जिन्होंने क्षेत्र में गरीबो ओर आदिवासियों के हक में हमेशा से आवाज उठाई।सुरुवात से ही कांग्रेसी विचार धारा के होने के कारण उन्होंने यहाँ पर भी कांग्रेस जॉइन की ओर लगातार 10 सालो से पार्टी की सेवा की ,मगर इस बार प्रमुखता से अपनी दावेदारी जताने के बावजूद टिकट न दिये जाने से खफा होकर निर्दलीय उमीदवार के तौर पर मैदान में उतरेंगे ।इनके चुनाव में खड़े होने से कांग्रेस सहित भाजपा को काफी वोटों का नुकसान हो सकता है।या यूं कहें कि दोनों ही दलो के लिए ये घातक साबित हो सकते है।
कोई टिप्पणी नहीं