यह नमस्कार महामंत्र सब पापो का नाश करने वाला तथा सब मंगलो मे प्रथम मंगल है।
सिरसा हरियाणा (आचार्य शशि नारायण)
णमो अरिहंताणं
णमो सिद्धाणं
णमो आयरियाणं
णमो उवज्झायाणं
णमो लोए सव्वसाहूणं
अर्थ -
अरिहंतो को नमस्कार हो।
सिद्धों को नमस्कार हो।
आचार्यों को नमस्कार हो।
उपाध्यायों को नमस्कार हो।
लोक के सर्व साधुओं को नमस्कार है।
णमोकार मन्त्र जैन धर्म का सर्वाधिक महत्वपूर्ण मन्त्र है। इसे 'नवकार मन्त्र', 'नमस्कार मन्त्र' या 'पंच परमेष्ठि नमस्कार' भी कहा जाता है। इस मन्त्र में साधक अरिहन्तों, सिद्धों, आचार्यों एवं उपाध्यायों का नमन करना है।
इस मंत्र को जैन धर्म का परम पवित्र और अनादि मूल मंत्र माना जाता है। इसमें किसी व्यक्ति का नहीं, किंतु संपूर्ण रूप से विकसित और विकासमान विशुद्ध आत्मस्वरूप का ही दर्शन, स्मरण, चिंतन, ध्यान एवं अनुभव किया जाता है। इसलिए यह अनादि और अक्षयस्वरूपी मंत्र है। लौकिक मंत्र आदि सिर्फ लौकिक लाभ पहुँचाते हैं, किंतु लोकोत्तर मंत्र लौकिक और लोकोत्तर दोनों कार्य सिद्ध करते हैं। इसलिए णमोकार मंत्र सर्वकार्य सिद्धिकारक लोकोत्तर मंत्र माना जाता है।
यह नमस्कार महामंत्र सब पापो का नाश करने वाला तथा सब मंगलो मे प्रथम मंगल है।
इस महामंत्र को जैन धर्म में सबसे प्रभावशाली माना जाता है। ये पाँच परमेष्ठी हैं। इन पवित्र आत्माओं को शुद्ध भावपूर्वक किया गया यह पंच नमस्कार सब पापों का नाश करने वाला है।
णमोकार स्मरण से रोग, दरिद्रता, भय, विपत्तियाँ दूर होती हैं।
*हमारी पोस्ट पढ़ने के लिए, शेयर करने के लिए और कमेंट करने के लिए बहुत-बहुत प्रेम और शुक्रिया।*
*नारायण एस्ट्रोलॉजी नाम से फेसबुक पेज को लाइक करें क्योंकि *ज्योतिषीय और धार्मिक जानकारी पेज पर ही पोस्ट की जाती है* इसका लिंक नीचे दिया जा रहा है।
https://www.facebook.com/Astrogurudrshashinarayan/
प्रेम और शुभकामनाओं के साथ:
*डाॅ नारायण*
*एस्ट्रो गुरु एवं धर्मगुरु*
☎️ *+91 94163 05316*
कोई टिप्पणी नहीं