ग्रामीण इलाकों में होम कोरेन्टीन मात्र एक खाना पूर्ति
पत्रकार दीपक मेटकर बुरहानपुर 9826538351
बुरहानपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में अमूमन देखने मे आया है कि पहले पहल बाहर से लौटे मजदूरों को शासन द्वारा निर्धारित किये कोरेन्टीन सेंटर में रखा जा रहा था।लेकिन मजदूरों का कुछ दिनों के अंतराल के बाद भी आना लगातार जारी रहा तो शासन प्रशासन ने भी धिरे धीरे इन मामलों में ढिलाई बरतनी शुरू कर दी।आज आलम तो यह है कि जो मजदूर बाहर से लौट रहे हैं उनकी जानकारी तक शासन के पास नही है।इनमे से अधिकांश लोग रेड अलर्ट घोषित किए जिले अथवा राज्य से लौटे हैं।बाहर से लौटे हुये लोगो की जानकारी किसी के पास अगर है भी तो वो सिर्फ खाना पूर्ति कर अपनी ओर से इति श्री कर रहे है।तो वहीं बाहर से लौट कर आये लोग बगैर किसी डर के शराब पी कर बेफिक्र गलिंयो में घूम रहे हैं।गुटके का सेवन कर थूकते हुए आसानी से देखा जा सकते है।क्या ये लोग महामारी नही फैला रहे है।इन मजदूरों की जांच के नाम पर सिर्फ सर्दी जुकाम ही जांची जा रही हैं।अगर सर्दी जुकाम है तो उन्हें उपचार के नाम पर ए एन एम द्वारा टेबलेट दे दी जाती हैं।बाद में उसका हाल भी नही पूछा जाता है।
ग्रामीण क्षेत्र में इस कार्य मे लगे सरपंच ,सचिव,कोतवाल, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता,ए एन एम ,आशा कार्यकर्ता अपनी ओर से सिर्फ खाना पूर्ति का काम कर रहे हैं।एक ओर जिले में कलेक्टर पूरी तरह kovid- 19 को लेकर सजग है,तो वहीं छोटे कर्मचारी सिर्फ ओपचारिकता निभा रहे हैं।इन कर्मचारियों को चाहिये कि बाहर से आये हुए मजदूरों की निगरानी कर उन्हें घर पर ही रहने की सलाह दे।ताकि गांवो में लोगो को इस संक्रमण से बचा सके।
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