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प्रसिद्ध ध्यानगुरू डॉ नारायण आचार्य ने डिफेंस एकेडमी में दिए प्रवचन।

 चंडीगढ़ /हरियाणा / सिरसा हरियाणा के अरनियांवाली में स्वामी विवेकानंद डिफेंस एकेडमी का शुभारंभ हुआ। ध्यान गुरु नारायण विंग कमांडर एम एस राठौड़ के साथ उपस्थित हुए। यहां कई गणमान्य व्यक्तियों ने डॉ नारायण सिरसा का स्वागत किया और मंच पर बुलाकर सम्मानित किया। इस मौके पर ध्यान गुरु डॉ नारायण आचार्य सिरसा ने एकेडमी के एमडी का धन्यवाद किया। और कहा कि इस एरिया में एक डिफेंस एकेडमी की बहुत जरूरत थी जो अब पूरी हुई। इसके बाद आचार्य नारायण ने वास्तु , ध्यान व विज्ञान पर प्रवचन दिए। ध्यान गुरु को सुनने के लिए हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे।

     उन्होंने बताया कि बच्चों के पढ़ाई के लिए दिशा और जगह हर रोज एक ही होनी चाहिए। इससे हमारी बॉडी और जगह का आपसी तालमेल हमेशा के लिए बना रहता है और जब हम हर रोज जगह चेंज करते हैं तो हमारा औरा नई जगह को एक्सेप्ट नहीं कर पाता।  ठीक उसी प्रकार जैसे हम घर में रोज सोते हैं और किसी रिश्तेदार के घर जाकर सोएं तो नींद नहीं आती। 
दूसरी बात में ध्यान गुरु नारायण ने बताया कि हमारे दिमाग के दायां व बायां दो भाग होते हैं। दिमाग का बायां भाग एक तरह का टेक्निकल पार्ट है और शरीर के दाएं भाग को कंट्रोल करता है जब के दाएं भाग इमैजिनेशन , सुख-दुख, चिंताएं , फिलिंग्स का फोल्डर है और शरीर के बाएं भाग को कंट्रोल करता है। यह बहुत ही विज्ञानिक बात है और जो बच्चा बाएं हाथ से लिखता है उसे हमारे समाज में दाएं हाथ से लिखने के लिए प्रेरित  किया जाता है। जबकि बाएं हाथ से लिखने वाला हमेशा इंटेलिजेंट होता है। 
 बच्चों को अधिक समय पढ़ाई करने के लिए बैठना हो तो पुराने वस्त्र पहनने चाहिए। नए वस्त्र पहनेंगे तो बच्चे का अपने आप ही घर से बाहर घूमने का मन करने लगता है । इस कारण बच्चा लंबे समय तक पढ़ाई के लिए बैठ नहीं पाता। इसके अलावा गायत्री मंत्र हमेशा याद करने में मदद करता है और यादाश्त शक्ति बढ़ जाती हैं।

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