अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान में स्थानीय गायत्री परिवार शांतिनगर खकनार में आज विशाल कलशयात्रा निकाली गई
,तकती ओर नारे द्वारा दिया गया ।तत्पश्यात दोपहर 2 बजे से पावन प्रज्ञा पुराण कथा आरंभ हुआ शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे जीवनदानी कार्यकर्ता टोलीनयक श्री सूरतसिंह अमृते जी ने कथा में कहा गृहस्थ एक तपवन है जिसमें संयम, सेवा और सहिष्णुता की साधना करनी पड़ती है,मनुष्य यदि जीवन जीने की कला सीख जाए तो वह परिवार प्रबंधन अच्छे से कर सकता है ,
वही मनुष्य समाज और राष्ट्र के काम आसकता है,मनुष्य का जन्म तो सहज होता है,पर मनुष्यता उसे कठिन प्रयत्न से प्राप्त होती है ,मनुष्य भटका हुआ देवता है,आज के कलयुग में मनुष्य बुरे विचार,बुरे संगति, दूषित दुष्टिकोंन का चश्मा पहने बुरे कर्म करने लगा है,इससे छुटकारा केवल गायत्री मंत्र बोलने से होगा क्यो की गायत्री महामंत्र सद्बुद्धि प्रदान कर श्रेष्ठ कार्य करने की प्रेरणा देता है। शांतिकुंज से पधारे श्री गणेश जी चंदवाषि,श्री सरोज पांडेय ,छन्नूलाल जी साहू,सनिल जी साहू द्वारा
आज प्रातः 8:00 बजे होगा 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ सम्पन्न होगा पहले दिन 125 जोड़े होंगे सम्मिलित।मनोज तिवारी और संजय राठौड़ ने बताया आज से रक्तदान शिबिर का भी आयोजन किया जा रहा है हर किसी को रक्तदान अवश्य करना चाहिए क्योंकि मनुष्य जीवन की सार्थकता तभी है जब वहां किसी के काम आए.
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