*भृष्ट आचरण अथवा भृस्टाचार भी मानवाधिकारों का दुश्मन है।।*
चंडीगढ़ (रणजीत वर्मा की रिपोर्ट) भ्रष्टाचार सिर्फ दंडनीय अपराध ही नहीं है, बल्कि यह अप्रत्यक्ष रूप से मानवाधिकारों का हनन कर के नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों को भी कमजोर करता है और सुनियोजित भ्रष्टाचार अपने आप में मानवाधिकार का उल्लंघन है... @... क्योंकि यह सुनियोजित आर्थिक अपराध का मार्ग प्रशस्त करता है...... साथ ही आपाधापी पूर्ण नागरिकों का रवैया भी मानवाधिकारों के उलंघन का कारण बनता है ! ऐसे में देश के प्रत्येक व्यक्ति को हमारे देश के संविधान में वर्णित नागरिक कर्तव्यों की पूर्ण जानकारी हो , सामाजिक संस्थाओं द्वारा इस तरफ जन जागरूकता के लिए गतिविधियों के माध्यम से समाज को जागरूक किया जा सकता है ।
देशभर में प्रसिद्ध ऑर्गेनाइजेशन नेशनल करप्शन कंट्रोल & ह्यूमन वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन, चण्डीगढ़ द्वारा कम्युनिटी पुलिसिंग कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है इसके माध्यम से समाज और नागरिकों की कानून और देश के प्रति जवाबदेही तय करने तथा परस्पर सहयोग करने और यूनिटी बेस्ड नॉन फंडिंग उत्कृष्ट कार्यो से सामाज को लाभान्वित करने की मुहिम को अंजाम दिया जाना प्रस्तावित है।।।*
*गजराज आचार्य*
*10 दिसम्बर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर विचार।।*
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