शासकीय विद्यालय से हैरान कर देने वाली तस्वीरे आपको दिखायेगे
सिंगरौली शासकीय विद्यालय खम्हरिया से हैरान कर देने वाली तस्वीरें आपको दिखाएंगे
एक स्कूल जहां बच्चों से टाॅयलेट की सफाई कराई जाती है, तो कूछ बच्चों से झाड़ू लगवाई जाती हैं देशभर में भले ही सरकार सर्व शिक्षा अभियान के नाम पर करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही हो मगर शिक्षा विभाग के अधिकारी, जिन्हें गुरु का दर्जा दिया गया है, वो ही इस अभियान की हवा निकालने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
दरअसल मामला सिंगरौली जिला के खम्हरिया क्षेत्र के गांव का है जहां के शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ प्रधानाचार्य लालमणि चर्मकार सहित विद्यालय में 6 अध्यापक पदस्थ हैं लेकिन बच्चों ने बताया की प्रार्थना के समय कोई अध्यापक विद्यालय में समय से उपस्थित नहीं होते वहीँ पदस्थ हेडमास्टर लालमणी चर्मकार बच्चों से पढ़ाई की जगह शौचालय सफाई करवाते हैं तो कुछ बच्चों से विद्यालय में झाड़ू लगवाया करते हैं मासूम छात्राओं से झाड़ू लगवाने का ये वीडियो सिंगरौली
खम्हरिया गाँव के शासकीय विद्यालय का है इन वीडियो को देखकर अंदाज़ा लगाया जा सकता है शासकीय विद्यालयों में किस तरह बच्चों से वो काम कराये जा रहे हैं वहीं मौके से पदस्थ प्रधानाचार्य से पुछा गया तो उन्होंने ने कैमरे के सामने आने से साफ तौर पर मना कर दिया अभिभावक अपने बच्चे के उज्वल भविष्य की कामना के साथ विद्यालय भेजते है लेकिन उन्हें क्या मालूम उनके बच्चे विद्यालय में पढ़ाई की जगह शौचालय और विद्यालय की साफ-सफाई करते होंगे शिक्षा विभाग के अधिकारी शायद इस बात से बेखबर है कि अभी भी जमीनी व्यवस्था ठीक करने में काफी समय लगेगा. स्कूल में अभी बच्चों ने शिक्षा ग्रहण करने के लिए किताबें भी नहीं खोली थी कि उनको स्कूल सफाई का काम थमा दिया गया. इस काम में लड़के ही नहीं लड़कियों को भी झोंक दिया गया.
एक तरफ तो सरकार बाल मजदूरी को लेकर सख्त है और वहीं सरकारी स्कूलों में पढऩे आ रहे छोटे-छोटे बच्चों से पढ़ाई की जगह ऐसे काम करवाए जा रहे है. सरकारी स्कूलों की इस तरह की स्थिति के कारण ही संभ्रात परिवारों के लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिल करवाने से कतराते है
7 वी क्लास के बच्चे
7वी क्लास स्टूडेंट पप्पू
वार्तालाप परिजन
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राजुराठौड
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