20वर्षों से अधिक समय से फरार चल रहे धोखाधड़ी के आरोपी स्थाई वारंटी को कोतवाली पुलिस ने शाहदरा, दिल्ली से किया गिरफ्तार। आरोपी शहर के कई लोगों के पैसों का गबन कर हो गया था फरार
बुरहानपुर पुलिस// 20वर्षों से अधिक समय से फरार चल रहे धोखाधड़ी के आरोपी स्थाई वारंटी को कोतवाली पुलिस ने शाहदरा, दिल्ली से किया गिरफ्तार। आरोपी शहर के कई लोगों के पैसों का गबन कर हो गया था फरार।*
◆ *आरोपी बुरहानपुर में वर्ष 2001 में न्यू कॉटन कंपनी के नाम से कपास खरीदी का कार्य करता था। उसके द्वारा कपास खरीदी में भी किसानों के पैसों का भी किया गया था गबन।*
पुलिस अधीक्षक बुरहानपुर श्री राहुल कुमार लोढ़ा के निर्देशन व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अंतर सिंह कनेश एवं नगर पुलिस अधीक्षक श्री ब्रजेश श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में कोतवाली पुलिस को 20 वर्षो से अधिक समय से फरार चल रहे स्थाई वारंटी आरोपी पंकज पाटनी को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई है। आरोपी वर्ष 2001 के समय जिले में न्यू कॉटन कंपनी के माध्यम से कपास खरीदी का कार्य करता था। जिसने शहर के करीबन 20 लोगो से बड़ी मात्रा में राशि उधार लेकर उन्हें उनका पैसा वापिस नहीं लौटाया। आरोपी द्वारा उधारी के पैसों के एवज में लेनदारों को चेक दिए जो बाउंस हो गए। जिसके बाद फरियादियो द्वारा कोर्ट में आरोपी के विरुद्ध चेक बाउंस के केस लगाए गए था। आरोपी द्वारा इन 20 लोगों के करीबन 2 करोड़ 64 लाख का गबन किया गया था। कोर्ट द्वारा आरोपी की गिरफ्तारी हेतु स्थाई वारंट जारी किए गए थे। इसी तरह आरोपी द्वारा वर्ष 2001 में कपास खरीदी में किसानों के साथ भी धोखाधड़ी की गई थी। उसके द्वारा न्यू कॉटन कंपनी के माध्यम से किसानों से कपास खरीद कर उन्हें 22 लाख 50 हजार राशि का पेमेंट नहीं किया गया था। जिस पर थाना कोतवाली पर अपराध क्रमांक 287/2001 धारा 420 आईपीसी का पंजीबद्ध किया गया था। इस तरह आरोपी द्वारा 2 करोड़ 86 लाख 50 हज़ार रुपए का गबन किया गया था। आरोपी द्वारा इंदौर व देवास जिले के कन्नौद के भी कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की गई थी। आरोपी *पंकज पिता नेमीचंद पाटनी, उम्र 40 वर्ष, निवासी जावरा कंपाउंड ,इंदौर* को कोतवाली पुलिस ने दिल्ली के शाहदरा क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। जिसे कोर्ट पेश किया जा रहा है। आरोपी की गिरफ्तारी में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मार्गदर्शन में थाना कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सीताराम सोलंकी, उप. निरी. रामेश्वर बकोरिया, वरिष्ठ आर. प्रशांत राउत का सराहनीय कार्य रहा।
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